Menu
blogid : 4811 postid : 769817

विकासुंमुख उत्तरप्रदेश

bharat
bharat
  • 178 Posts
  • 240 Comments

विकासुंमुख उत्तरप्रदेश
—————————
जुलाई 2014 में टेक्नोलॉजी क्षेत्र में यूपी ने एक नया कीर्तिमान बनाकर सबको स्तब्ध कर दिया है / सर्वविदित है कि सरकारी मेडिकल कोलिजों में मेडिकल डेंटल आयुर्वेदिक और होमियोपैथिक चिकित्सा शिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्रों को एक वस्तुनिष्ठ प्रारंभिक परीक्षा सीपीएमटी से होकर गुजरना पड़ता है / और प्रत्येक राज्यसरकार इसी तरह मेडिकल एंट्रेंस के साथ इंजिनयरिंग एंट्रेंस परीक्षा भी आयोजित करती है और सीबीएसई भी एआईपीएमटी और एआईआईआईटी संचालित करती है / कुछ प्राइवेट संस्थान अपने यहाँ प्रवेश हेतु प्रारंभिक परीक्षा को ओनलाईन आयोजित करते हैं और हालाँकि सीबीएसई ने ऑनलाइन का विकल्प भी खोला हुआ है /आईआईटी का एक्जाम ऑफ़लाइन होता है और यूपी सीपीएमटी का भी ऑफ़लाइन प्रवेश परीक्षा होती है /इन परीक्षाओं के परीक्षाफल आने में कई सप्ताह लग जाते हैं लेकिन यूपी सरकार ने एक प्रेरणादायक उदाहरण देश के समक्ष प्रस्तुत किया है जिससे सीबीएसई के साथ साथ यूपीएससी और सभी प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा आयोजक समितियों को अपने संज्ञान में लेकर यूपी का अनुकरण करना चाहिए /यूपी में 20 जुलाई रविवार को सीपीएमटी परीक्षा भिन्न भिन्न सेंटरों पर आयोजित हुई थी और दिनांक 27 जुलाई को रविवार तथा 25जुलाई को महाशिवरात्रि थी /दिनांक 28 जुलाई सोमवार को परीक्षाफल इंटरनेट पर डाल दिया गया जिसमे लगभग एक लाख तीस हजार उम्मीदवारों का भविष्य का निर्णय हो गया /यानि यूपी सरकार की सीपीएमटी आयोजन समिति या आयोजक यूनिवर्सिटी का यह परीक्षा आयोजन देश के सभी परीक्षा आयोजन समितियो के लिए एक आदर्श उदहारण है कि जब मात्र एक सप्ताह जिसमे भी तीन दिन लगभग छुट्टी के रहे उसके बाबजूद 130 हजार ओएमआर का कम्प्यूटरीकृत जांच करके परीक्षाफल माननीय मुख्यमंत्रीजी की सेवा में प्रस्तुत कर दिया ताकि माननीय मुख्यमंत्री इस परीक्षाफल को मुस्लिम संप्रदाय को ईद का उपहार भेंट कर सकें क्योंकि मुख्यमंत्रीजी ने इस परीक्षाफल को ईदी बताकर यूपी के सारे मुस्लिम वर्ग को मंत्रमुघ्ध कर दिया है / कुछ सांप्रदायिक सोच वाले व्यक्ति परीक्षाफल को इतने शीघ्र घोषित होने में कुछ संदेह रखते हैं लेकिन यूपी में सेकुलर सरकार है इसलिए कुछ निर्णय सभी वर्गों का हित देखकर भी लिए जाते हैं क्योंकि प्राइवेट मेडिकल शिक्षा का एमबीबीएस पाठ्यक्रम लगभग एक करोड़ रुपये कीमत का होता है जो हर सामान्य आय वाले व्यक्ति के लिए लगभग असंभव है/ खैर कम्युनल शक्तियां तो इसमें घोटाला देखती हैं क्योंकि प्रथम पांच कैंडिडेट्स में तीन मुस्लिम थे और माननीय मुख्यमंत्रीजी ने पहली बार प्रथम पांच छात्रों की पूरी फीस सरकारी खजाने से भरने का एलान भी कर दिया है /अब कितने छात्र मुस्लिम हैं और कितने गैर मुस्लिम यह विषय सांप्रदायिक और सेकुलर घिनोनी मानसिकता वाले व्यक्तियों का हो सकता है लेकिन टेक्नोलॉजिकल विश्लेषण यूपी को सौ में सौ अंक देकर भारत की विकासुंमुख यात्रा में सर्वोपरि रखता है क्योंकि जब किसी इतनी बड़ी ऑफ़लाइन प्रतियोगीता जिसमे एक लाख तीस हजार छात्रों में परीक्षा दी हो उसका परीक्षफल जब मात्र एक सप्ताह जिसमे तीन दिन छुट्टी के भी हों ,आ सकता है तो फिर अन्य प्रदेशों के होने वाले मेडिकल और इंजीयरिंग प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम सात दिन में क्यों नही आ सकते ?अगर सभी प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम सात सात दिन में में आ जाएँ तो छात्रों का बहुत लाभ होगा क्योंकि बहुत से छात्रों को एक ही पाठ्यक्रम के लिए बहुत सी यूनिवर्सिटीज की प्रारंभिक परीक्षाओं में बैठना पड़ता है / टेक्नोलॉजी क्षेत्र में अपना परचम लहराने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी जेएनयू आईआईटी टीआईएफआर भाभा न्यूक्लियरफिजिक्स आईएसएससी संस्थान भी इसी तरह ऑफ़लाइन वस्तुनिष्ठ प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं लेकिन सभी का परीक्षाफल घोषित होने में डेढ़ दो महीना का समय खप जाता है लेकिन अब इस छह सात सप्ताह के समय को एक सप्ताह में परिवर्तित करने की टेक्नोलॉजी यूपी सरकार ने विकसित कर ली है जिसका लाभ लेकर ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजन कराने वाली समितियों को अपना घमंड थोड़ा पीछा करके यूपी सरकार से सीख ले लेना चाहिए / केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री जी को भी यूपी सरकार के इतने अतिशीघ्र परीक्षाफल घोषित करने वाली टेक्नोलॉजी का संज्ञान लेकर अन्य सभी प्रदेशों और यूपीएससी को दिशा निर्देश देने चाहिए ताकि छात्रों का बेशकीमती समय व्यर्थ जाया न हो ?अगर परीक्षाफल एक सप्ताह में आ सकता है तो फिर महीनों का विलम्ब क्यों ?
रचना रस्तोगी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh