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क्या हिन्दू होना अपराध है ?

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क्या हिन्दू होना अपराध है ?
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हिंदुओं की यही तो एक समस्या है कि हिन्दू अपने को हिन्दू कहने में डरता है/नारा लगता है कि गर्व से कहो कि हम हिन्दू हैं लेकिन प्रश्न साथ में एक और खड़ा होता है कि किस्से कहें कि हम हिन्दू हैं ?जहाँ जैसे ही हिन्दू अपने को हिन्दू कहे वह सांप्रदायिक हो जाता है लेकिन आजमखान खुले आम मुसलमानों को हिंदुओं से लड़ने को तैयार रहने को कहे वह सेक्युलर हो जाता है और उसकी अभद्र भाषा को सरकारी आदेश बनाने वाले सेक्युलर समाजवादी कहे जाते हैं /आज पूरा देश जहाँ बढ़ती जनसँख्या के कारण गरीबी और भ्रष्टाचार की दलदल में फंसता जा रहा है वहीँ आजमखान यह कहता है कि मुसलमानों को बच्चे ज्यादा पैदा करने होंगे तभी मुसलमानों को अपना हक़ मिलेगा यह है सेक्युलर दलों के नेताओं की सोच /यहाँ कौन किसका हक़ मार रहा है ?सारा सेक्युलरिज्म केवल हिंदुओं के ही हिस्से में हैं ?अगर भारत में सभी भारतीय समान नागरिक हैं तो फिर भेदभाव क्यों ?किसी ईसाई ,किसी मुस्लिम,या किसी बौद्ध को यह कहते सुना है कि वह धर्म निरपेक्ष है ?केवल भाजपा में ही अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ क्यों खुला हुआ है ? सपा बसपा कांग्रेस जदयू राजद रालोद आप एनसीपी टीएमसी में सारे सेक्युलर हिन्दू नेता मुस्लिम टोपी पहनकर एक से बढ़कर एक बड़े सेक्युलर दिखाने को ही सेक्युलरिज्म कहते हैं और क्या इन दलों में किसी गैर हिन्दू के हाथ में कलावा बंधे देखा है ?क्या मुस्लिम टोपी पहनने से ही सेक्युलरिज्म आना है ?इंदिरा गांधी के पति मुस्लमान थे हालांकि कांग्रेसी उनको फ़ारसी बताते हैं खैर कोई भी हों लेकिन हिन्दू नही थे और विवाह उपरांत स्त्री का धर्म सम्प्रदाय उसके पति के धर्मानुसार परिवर्तित हो जाता है और नेहरू के सचिव रहे मुथैय्या के अनुसार इंदिरा ने लन्दन में फिरोज के साथ निकाह कर लिया था लेकिन विवाह को हिन्दू स्वरुप देने के लिए फिरोज को उपनाम गांधी देना पड़ा जहाँ फिरोज मरणोपरांत दफनाये गये वहीँ इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार हिन्दू वेदिक रीति रिवाज से हुआ ,इंदिरा के दोनों पुत्रों का अंतिम संस्कार भी हिन्दू रीति रिवाजों से हुआ और मन्त्र पढ़ने वाले हिन्दू ब्राह्मण थे लेकिन किसी ने भी आपत्ति नही की क्योंकि फिर वही सेक्युलरिज्म ?मुज्जफरनगर में दंगे हुए सबको केवल पीड़ित केवल मुस्लिम ही दिखायी दिए जबकि हिंदुओं को कोई पूछने ही नही आया ?उत्तराखंड त्रासदी में हिन्दू मरे लेकिन कितने मुस्लिम संस्थाओं ने वहाँ जाकर राहत सामग्री पहुंचायी ?उत्तराखंड त्रासदी पर उत्तराखंड सरकार को पूरे भारत के हिंदुओं और कुछ हिन्दू सामाजिक संस्थाओ ने बहुत सा नगद रूपया दान दिया और अन्य वस्तुएं अलग से भी दीं और केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रूपया भी इस त्रासदी पीड़ितों के लिए दिया लेकिन नातो किसी मीडिया और नाहीं किसी सेक्युलर नेता और नाहीं किसी मुस्लिम नेता को यह जानने का समय मिला कि भयंकर ठण्ड में वहाँ कितने हिन्दू ठण्ड से मर गये ?वहाँ किस स्थिति में हिन्दू रह रहे हैं अगर एक बार होकर आयेंगे तो मेरा दावा है कि एक सप्ताह तक मुँह में निवाला डालते समय उनकी याद करते करते अपनी आँखों में आंसू आ जायेंगे ?कहाँ चला गया कांग्रेस सपा बसपा टीएमसी जदयू आप रालोद राजद का सेक्युलरिज्म ? स्वामी रामदेव और आरएसएस ने ही वहाँ स्थानीय लोगों की मदद की लेकिन इनको सांप्रदायिक बताता जाता है ?एक भ्रष्ट बिकाऊ मीडिया ने मालेगांव में आरएसएस का हाथ बता दिया तो सीबीआई जाँच से लेकर मोहन भागवत की गिरफ्तारी की मांग होने लगी लेकिन जब इसी मीडिया के एक चेनल ने मुज्जफरनगर दंगों में दंगों में आजमखान को दोषी बताया तो भी आरएसएस जिम्मेदार / मीडिया को एक रात तो मुज्जफरनगर में गुजारना बहुत अच्छा लगा लेकिन इसी सर्दी के मौसम में एक रात अगर उत्तराखंड में भी गुजारकर आते तो पता चलता कि वहाँ कैसी स्थिति में हिन्दू जिन्दा हैं ?केन्या या दक्षिण अफ्रीका वाले भी उत्तराखंड से बेहतर स्थिति में हैं ? त्रासदी के समय में भी उत्तराखंड में हिन्दू स्त्रियों के साथ बलात्कार हुआ लेकिन उन बलात्कारियों को पकड़वाने का जिम्मा सेक्युलर नेताओं का नही है ?कई हजार हिन्दू मर गये लेकिन उन हिन्दुओ के लिए एक बार भी सरदारजी नही रोये ,न सोनिया रोयीं और नहीं सपा बसपा जदयू टीएमसी के ही नेता ?बल्कि सेक्युलर आजमखान ने उत्तराखंड सीएम को इडियट कहा था ?क्या हिन्दू होना गुनाह है ?या फिर हिन्दू का सेक्युलर होना मजबूरी है ?

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