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चीनियों का हिंदी प्रेम और हिन्दुओं की दुर्दशा आखिर क्यों?

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चीनियों का हिंदी प्रेम और हिन्दुओं की दुर्दशा आखिर क्यों?
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अभी कुछ ही दिनों पहले मीडिया की सुर्ख़ियों में था कि चीनी जनसँख्या हिंदी भाषा सीख रही है लेकिन मीडिया शायद यह नही बता पाया कि भारतीय व्यवसायियों से लेकर विद्यार्थियों तक को वहां चीनी भाषा में ही काम करना पड़ता है/आखिर चीनियों का हिंदी प्रेम अचानक क्यों जाग्रत हुआ ?अगर इतिहास को पढ़े तो ज्ञात होगा कि ईस्ट इण्डिया कंपनी के लोगों ने भी भारत में आने से पहले हिंदी व संस्कृत भाषा सीखी थी और मुग़ल शासन का अंत करने के बाद ब्रिटिश सरकार ने जो सबसे पहले भारतीय करेंसी छापी थी उसमे भगवान् श्री राम सीता और हनुमान जी के चित्र अंकित थे और यह परम्परा सन 1838 तक जारी रही और उसके बाद का वर्णन सभी को ज्ञात है/अंग्रेजों ने भारत पर कोई आक्रमण नही किया था बल्कि यहाँ राज कर रहे क्रूर मुग़ल शासकों से भारतीयों को मुक्ति दिलाई थी,तत्कालीन मुग़ल शासक हिन्दुओं को जबरदस्ती इस्लाम धर्म स्वीकार कराने में लगे हुए थे और मुग़लों ने हिन्दू राजाओं के महल किले और भवन सभी कुछ अधिग्रहण कर लिए थे /प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार कंगाल हो गयी थी इस कारण उसके अधिकारी लूटखसोट पर आमादा हो गये थे/अंग्रेजों ने ही भारत का विकास किया और आज जो कुछ भी भारत एक अखंड राष्ट्र दीखता है उसकी नींव अंग्रेजों ने ही डाली थी वरना यहाँ तो अलग अलग राज्य रियासतें थीं/स्वतंत्रता उपरान्त उस अखंडता को एक सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल थे/वर्तमान भारत अराजकता असभ्यता उद्दंडता और अश्लीलता का शिकार हो गया है और ईस्ट इण्डिया की ही तर्ज पर चीन भारत में व्यापार के बहाने भारत पर शासन करने की योजना बना रहा है,भारत के प्रत्येक क्षेत्र में चीन का पूरा अतिक्रमण हो चुका है और अब शासन को अधिग्रण करने की योजना है और उसकी योजना को सफल बनाने में यहाँ की भ्रष्ट नेताशाही और नौकरशाही समर्पण भाव से सहायता कर रही है/इसका सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि आजादी के 66 वर्ष बाद भी भारत आज तक अपनी कोई टेक्नोलजी विकसित नही कर पाया है लेकिन भ्रष्टाचार के नए नए अनुसंधानों में जरुर अग्रणी है/सन 1962 की पुनरावृत्ति चीन नही करेगा और अगर चीन को युद्ध करना भी पडा तो भी भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार उसकी जीत में मील का पत्थर ही सिद्ध होगा /चीन के लिए भारत एक बाजार है और कोई भी ईमानदार दूकानदार अपने ग्राहकों से लड़ाई नही किया करता इसलिए चीन क्यों युद्ध करेगा जबकि वह जानता है कि भ्रष्ट नेताशाही और नौकरशाही स्वयं ही उसकी सहायता कर रहे हैं/आज जितने भी नेता स्वयं को धर्म निरपेक्ष बताकर भारत के हिन्दुओं पर मुसलमानों को थोपने की साजिश रच रहे हैं उनको भारत की दुर्दशा का पूरा अंदाज है क्योंकि आने वाले समय में भारत की सभी राज्य सरकारें एवं केंद्र सरकार एक मत से कानून बनायेंगी कि जिन जिन हिन्दुओं के पास एक ही नाम पर एक से अधिक भूखंड या एक से अधिक भवन या एक निश्चित मात्रा से अधिक जमीन होगी उसका सरकार अधिग्रहण करके मुस्लिमों के रहने के लिए आवंटित करेगी /यह कहना कतई अतिशयोक्ति नही है कि मुसलमानों की जनसँख्या एक निश्चित तयशुदा गुप्त रणनीति के तहत बढ़ाई जा रही और इस योजना को कार्यान्वन कराने में कांग्रेस सरकार के साथ गैर कांग्रेस सरकारें सभी तन्मयता से लगी हुई हैं वरना तभी तो परिवार नियोजन कार्यक्रम ठन्डे बस्ते में चला गया है /कोई भी राजनेता यह बात कहना नही चाहता कि मुसलमानों को बढ़ती जनसँख्या पर लगाम लगाने को शिक्षित किया जाय /सभी को मुसलमानों की चिंता सताए जा रही है और यही चिंता आगे चलकर हिन्दुओं के भवनों भूखंडों के अधिग्रहण पर समाप्त होगी क्योंकि इतनी बड़ी जनसँख्या आखिर रहेगी कहाँ?चीन ने अपनी जनसंख्या पर लगाम लगायी और और आज चीन विश्व का सरताज है /अभी पिछले महीने चीन सरकार ने जैसे ही यह नियम बनाया कि चीन में एक ही नाम पर एक व्यक्ति के पास एक से अधिक मकान नही हो सकते तो अध्यादेश लागू होने के अगले ही दिन चीन में एक लाख लोगों ने तलाक की अर्जी लगा दी ताकि भवन का अधिग्रहण रोक जा सके/भारत में हिन्दुओं के परिवारों में सदस्यों की संख्या जिस तेजी से निरन्तर घटती जा रही है और उसी तेजी से मुसलमानों की बढ़ती जा रही है/भारत का भूक्षेत्र सीमित है उसको बढ़ाया नही जा सकता इसलिए हिन्दुओं को सोच लेना चाहिए कि आखिर भारत के हिन्दुओं का भविष्य क्या है?अब भारत में कोई बल्लभ भाई पटेल पैदा नही होगा थोड़ी बहुत आशा नरेन्द्र मोदी से है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी लड़ाई मोदी को राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरने नही देगी/कोई भी सरकार अब रोजगार पैदा करने में सफल नही हो सकती और घरेलु उद्योग या काम धंधों को सरकारी भ्रष्टाचार उभरने नही देगा इसलिए भारत के व्यापार पर चीनियों का आधिपत्य होना ही है/एफडीआई से जहाँ घरेलु व्यापार का सत्यानाश होना ही है वहीं चीन रिटेल में अपने सामान की कम कीमतों के कारण प्रतिस्पर्धा में अग्रणी रहेगा ही और चीनियों का भारत में अतिक्रमण उसकी योजनाओं को और भी सफल बनाएगा /यही कारण है कि चीनी हिंदी सीख रहे हैं और मुसलमान एक योजनाबद्ध रणनीति से राजनीतिक संरक्षण में हिन्दुओं पर अतिक्रमण और आधिःग्रहण की तैयारी में हैं/दोनों ही सूरतों में हिन्दुओं के ऊपर आफत स्पष्ट दिख रही है एक और जहाँ चीन का अतिक्रमण और अधिग्रहण की तैयारी वहीँ दूसरी ओर हिन्दुओं के इस्लाम परिवर्तन की आशंका प्रबल बन रही है/ सरकार द्वारा प्रायोजित लिव इन रिलेशन कानून और कट्टर मुस्लिमों द्वारा प्रायोजित लव जेहाद कार्यक्रम हिन्दू कन्याओं को मुस्लिम युवकों के मकडजाल में फंसाकर वर्णसंकर संताने पैदा करा रहा है जिस कारण भारत में अवैध गर्भपात और भ्रूण हत्याओं के किस्से अब आम हो चले हैं /अब भी समय है कि हिन्दू जागें और अपने को बचाने को जातियों का मतभेद भुलाकर एक जुट होकर इस अवश्यम्भावी संकट से बचने की रणनीति तैयार करें /
श्रीमती रचना रस्तोगी

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