Menu
blogid : 4811 postid : 68

अहसास एक भूल का ?

bharat
bharat
  • 178 Posts
  • 240 Comments

आप चाहे घर में हों या बाजार में हों ,काम करते समय हों या खाली बैठे हों,एक अहसास होता ही कि आखिर हमसे एक भूल ऐसी हो गयी कि जिसका कोई पश्चाताप नही हो सकता ! आखिर भूल क्या हुई ?भूल उसको कहते हैं जो अनजाने में हो परन्तु गलती उसको कहते हैं जो जानबूझ कर हो ! गलती कहें या भूल इसका फैसला क्या करें बस अब क्षमा भी नही है,केवल दंड ही भुगतना है / भूल या गलती जो कुछ भी हुई बताओ तो जरा आखिर माजरा क्या है?गलती या भूल, आप बताओ पर हमे वोट नही देनी चाहिए थी / सरकार और निर्वाचन आयोग तो कहता है कि वोट अवश्य दें !उनका कहना भी सभी है वोट जरुर दें ताकि डकैत लुटेरे चोर मंत्री बनें / परन्तु हमको मिला क्या ?क्या बात करते हो !महंगाई भूख बेरोजगारी भय बिमारी भ्रष्टाचार पापाचार व्यभिचार अनाचार और भी ना जाने क्या क्या इतना सब कुछ तो मिला है .फिर भी पेट नही भरता !आखिर इससे ज्यादा सरकार और क्या करेगी ?इतना सब कुछ आपको मात्र एक वोट के बदले देनी वाली सरकार की मुखिया की कुर्बानी भी देखिये कि उसने अपनी बिमारी तक आपसे छुपायी कि कहीं आप को ख़ुशी के मारे दिल का दौरा ना पड़ जाय, अपने पुत्र को देश का भविष्य बताकर आप पर थोपा जा रहा है ताकि नेता चुनने में आपको तकलीफ ना हो / और आप कहते हैं कि आपको अपनी गलती का अहसास अब हुआ है / अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गयी खेत /
रचना रस्तोगी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh