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देश के सबसे अधिक ईमानदार या स्पष्ट ही कहें सत्ताआनंद भोग चुका एक मात्र ईमानदार व्यक्ति,पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाईल मेन श्री अब्दुल कलाम भी अब भष्टाचार के विरुद्ध खड़े हो गये हैं उन्होंने भी भारतीय युवकों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने की अपील की है और भ्रष्टाचार से लड़ने वालों को समर्थन देनी की पहल भी की है जिसके लिये उन्होंने अपनी एक वेब साईट whatcanigive,info तैयार की है और पूरे राष्ट्र के छात्रों एवं युवा लोगों से खुले आम इस साईट पर अपने अपने सुझाव एवं अनुभव लिखने की अपील की है .केरल की एक सभा में श्री कलाम कहते हैं कि यह मत सोचो कि दूसरा क्या कर रहा है बस यह सोचो कि मैं क्या कर सकता हूँ ? और मैंने भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिये या भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये क्या किया है? क्या अब कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा एवं उनके सहयोगी गण श्री अब्दुल कलाम को भी आरएसएस या बीजीपी का मुखौटा कहेंगे ? एन डी ऐ सरकार ने अगर सबसे अच्छा काम कोई किया था तो वह श्री अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाने का किया था/ बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि जब श्री अब्दुल कलाम राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त हुए थे,तो कांग्रेस सरकार उनसे इतना चिड़ी हुई थी कि उनके रहने का प्रबंध भी नही कराया था जिस कारण राष्ट्रपति महोदय कई दिन तक सेना के गेस्ट हाउस में रहे थे/ देश में भ्रष्टाचार इतना भयावह रोग की तरह व्यापक हो गया है,कि अब्दुल कलाम तक को भी आगे आना पड़ रहा है/ भ्रष्ट लोग कहते हैं कि “अन्ना हजारे” “गाँधी” नही हैं,क्योंकि “अन्ना” को छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आता है / अरे भाई ! “अन्ना” गाँधी कैसे हो जायेंगे जबकि गाँधी जी की बफादारी नेहरु के प्रति थी और “अन्ना” की….? अंग्रेज शासक गाँधी की बात सुनते तो थे,परन्तु यहाँ तो कांग्रेसी सरकार “अन्ना” को सुनने को ही तैयार नही,बल्कि धमकी दे रही है कि अगर ज्यादा अनशन वन्शन किया तो राम देव जैसा हाल कर दिया जायेगा/ “अन्ना” अगर ऐसी बातों पर गुस्सा नही करेंगे तो क्या सरकारी पार्टी के प्रवक्ताओं की आरती उतारेंगे ? जिन लोगों को “रामदेव” या “अन्ना” से एलर्जी है,और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ना चाहते हैं उनके लिये सुनहरा अवसर है कि वे श्री अब्दुल कलाम के साथ ही आ जायें !!!
रचना रस्तोगी
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