- 178 Posts
- 240 Comments
जब कोई बीमारी गले पड़ जाती है तो निश्चित रूप से लोग पहले अंग्रेजी डाक्टरों या एलोपेथों की ओर रुख करते हैं/ अगर रोग जल्दी ठीक होने वाला लगता है तो एलोपेथी पर लोग लगे रहते हैं परन्तु अगर रोग का इलाज लम्बा चलने वाला हो ,या रोग लगभग असाध्य ही हो,या फिर स्किन का रोग हो तो लोगों का रुझान निश्चिर रूप से एक बार को होमियोपैथी की ओर भी होने लगता है/ लोगों के मन में यह भ्रान्ति रहती है कि अगर होमियोपैथी दवा फायेदा नही करेगी तो कम से कम नुक्सान भी नही करेगी/ केंसर के मरीज तो अक्सर एक बार को होमियोपैथी की तरफ अवश्य भागते हैं/ हर व्यक्ति आपरेशन से बचना चाहता है,हर संभव कोशिश करता है कि ओपरेशन टल जाय या कराना ही ना पड़े/ परन्तु नियति से जो तय है वह भुगतना ही पड़ेगा / परन्तु कुछ रोगों का तो इलाज ही ओपरेशन है वह किसी भी पेथी से ठीक कैसे होगा,केंसर अगर बढ़ गाया है तो अगर संभव है तो ओपरेशन होगा या फिर रेडियोथेरेपी होगी या फिर कीमोथेरेपी होगी, खैर जैसी भी स्थिति होगी वैसा ही निर्णय लोग करते हैं / हेनीमेन तो स्वयं ही एलोपेथ के डाक्टर थे, और उनका कोई भी शोध पत्र नही है,बाकी होमियोपैथी की किताब लिखने वाले ज्यादातर एलोपेथिक डाक्टर थे / जिनमे लक्षणों पर आधारित चिकित्सा व्यवस्था है/ इन्ही किताबों को पढ़कर कई लोग जो कहीं किसी कार्यालय में बाबु हैं, चपरासी है ,कहीं आर्ट विषयों के मास्टर हैं,कहीं कहीं तो गणित के ही टीचर है अब होमियोपैथी के डाक्टर हो गये हैं/ सरकार ने कई होमियोपेथिक चिकित्सा कोलिज भी खोले हुए हैं परन्तु उनसे उत्तीर्ण कई डाक्टर तो एलोपेथी की ही प्रेक्टिस शुरू कर देते हैं, या मिक्स प्रेक्टिस करते हैं / तो आजकल होमियोपैथी की प्रेक्टिस करने वाले अधिकाँश लोग तो वे हैं जिनको होमियोपैथी की ऐबीसीडी भी नही आती बस वे बाजार में बिकती “होमियोपैथी चिकत्सा कैसे करें या घर बैठे होमियोपेथ डाक्टर बनिए” किताबों को पढ़कर प्रेक्टिस शुरू कर देते हैं और लोगों की सेहत ही खराब नही करते बल्कि उनको धोखा और देते हैं / जबकि बेचारा प्रशिक्षित योग्य होमियोपेथिक डाक्टर तो कभी कभी मरीज की ही इन्तजार करता रह जाता है / इन फर्जी होमियोपेथों ने इस वैज्ञानिक डाक्टरी पद्धति को घरेलु नुस्खा सा बना दिया है,इनकी मीठी मीठी गोलियों के चक्कर में कई पढ़े लिखे लोग भी फर्जी होमियोपेथों से अपनी जिंदगी छोटी करा लेते हैं / सरकार को चाहिये कि इन घरेलु होमियोपेथिक दवाखानों को बंद करवाए ताकि प्रशिक्षित डिग्रीधारी लोग ही होमियोपेथिक चिकित्सा कर सकें /
रचना रस्तोगी
Read Comments