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ऐसी भी क्या दुश्मनी ?

bharat
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देश की सबसे पुरानी परन्तु अब भ्रष्टाचार से बदनाम कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा ने अपने प्रतिद्वंदी एक शारारिरिक व्यायाम प्रशिक्षक एवं आयुर्वेद व् सौंदर्य प्रसाधन सामग्री निर्माता श्री रामदेव से व्यक्तिगत वैमनस्य का परिचय देते हुए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनके शारीरिक व्यायाम शिविरों में ना जाने का आदेश दिया है / क्या कांग्रेसी कार्यकर्त्ता अपना विवेक नही रखते हैं कि उनको कहाँ जाना है,क्या खाना है,क्या पीना है,क्या पहनना है,कहाँ सोना है,कहाँ बैठना है ,क्या बोलना है और क्या करना है? वे पार्टी के समर्थक या मतदाता ही तो हैं कोई गुलाम नही ?क्या पार्टी आलाकाम देश से भी ऊपर है ? अरे ! लोग उनके शिविर में जाकर थोड़ी सी कसरत आदि कर लेते हैं या प्राणायाम आदि कर लेते हैं या थोडा सा ईश्वर स्मरण कर लेते हैं तो पार्टी आला कमान का इसमें क्या जाता है ?फिर वे कोई धार्मिक उन्माद तो नही फैला रहे हैं कि इससे देश को खतरा हो रहा हो /उनके शिविर में तो सभी धर्मों के लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर पैसे देकर भी शारीरिक व्यायाम सीखने जा रहे हैं जब पैसे देने वालों को कोई दिक्कत नही है तो पार्टी आलाकमान को क्यों? इतनी बड़ी पार्टी का इतना छोटा सा दिल कि एक शारीरिक व्यायाम प्रशिक्षक से डर गयी और व्यक्तिगत वैमनस्य पर उतर आयीं / श्री रामदेव की केवल इतनी ही सी तो गलती थी कि वे काला धन वापिस लाने की बात कह रहे थे ,जब उनकी इस गलती पर उनकी “होल बोडी सर्विस” हो गयी तो बात ख़त्म,वो तो बेचारे अब मौन व्रत में ही चले गये / अन्ना हजारे की भी हो जायेगी तो वे भी चुप हो जायेंगे ? एक को शांत कर ही दिया है और एक को करना बाकी है ,इसलिये काहे को इतना बात को बढ़ाना ?जहाँ तक किसी को फ्राड या धोखेबाज या फर्जी कहना है तो पहले पार्टी आला कमान अपने स्वास्थ्य मंत्री के कारनामे भी देख लें कि देश के एक सौ इक्कीस करोड़ देशवासियों की जिंदगी से खेलने के लिये देश में चल रहे कई गुणवत्ताविहीन परन्तु मान्यता प्राप्त प्राईवेट मेडिकल और डेंटल कोलिजों से उत्तीर्ण डाक्टर प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लाखों रूपया डोनेशन से डिग्री खरीदकर बाजार में उतर रहे हैं / इन एक सौ इक्कीस करोड़ लोगों में कांग्रेस के भी लोग होंगे जो इन प्राईवेट डेंटल और मेडिकल कोलिजों से उत्तीर्ण डाक्टरों के मरीज बनते होंगे/ इसलिये किसी शारीरिक व्यायाम प्रशिक्षक या समाज सेवी से दुश्मनी ना निकालकर पार्टी आलाकमान को देश हित में ज्यादा ध्यान देना चाहिये
रचना रस्तोगी

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