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सार्थक सोच ही सफलता दिलवाएगी

bharat
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लोग अपने अपने स्तर से भ्रष्टाचार पर बहस तो बहुत करते हैं/ अन्ना हजारे या बाबारामदेव के भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम पर अपने निर्णय भी देते हैं/ लोग सुझाव भी बहुत देते हैं परन्तु कितने ऐसे हैं जो सशरीर सकारात्मक रूप से अन्ना या राम देव के साथ खड़े हुए / एसएम्एस संदेशों से क्या होना है यह तो सभी जानते हैं यह एक जागरूकता जरुर फैलाता है पर सरकार पर दबाब नही / अन्ना या बाबा राम देव की अनशन या सत्याग्रह मुहिम में सशरीर मात्र एक लाख से भी कम लोग धरने पर थे,जबकि देश की जनसँख्या एक सौ ईक्कीस करोड़ है यानि मुश्किल से 0.000086 % प्रतिशत लोग ही अनशन में सशरीर सम्मिलित हुए और शेष भारतीय चाहते हैं कि भारत भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाय / कहने का तात्पर्य यही हुआ कि कुर्बानी देने को तो एक प्रतिशत से भी कम लोग तैयार हैं बल्कि लाभ लेने के लिये 99 % प्रतिशत से ज्यादा लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं/ अगर केन्द्रीय सरकार अनशन पर बैठने वालों पर दुर्भावनावश “रासुका” लगादे तो संभव है कि शायद अन्ना या राम देव या कुछ लोग तो सिविल सोसाईटी के हैं वे ही अनशन पर बैठें मिलें बाकी शेष तथाकथित अनशनकारी टीवी पर आईपीएल का मैच देखते मिलेंगे या खबरिया चेनलों के बेहुदे कार्यक्रम देखते मिलेंगे/ आज अगर अपने बच्चे का कोई प्रतियोगिता परीक्षा का इम्तिहान दिलाने हेतु दिल्ली जाना हो तो मातापिता किराए की टेक्सी भी लेकर भागेंगे और जब परीक्षा से सफलता नही मिलती है या पेपर आउट होने की खबर मिलती है तो भ्रष्टाचार या अनुचित जातिगत आरक्षण या व्याप्त अनिनियम्त्ताओं को कोसने बैठ जायेंगे / जब आज इस भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने का एक मौका है तो अन्ना या बाबा की आलोचना करने में लगे हैं उनकी मंशा को जांच रहे हैं / उनकी संपत्ति जांच रहें हैं / किसी ने इन कांग्रेसियों की संपत्ति भी जाँची है जिन्होंने पचपन साल राज किया है अपने खानदान के लोगों के लोगों के नाम पर अनेकों समारक, विश्विद्यालय, अनुसंधान केंद्र, खेलने के स्टेडियम या हवाई अड्डे तक नामकरण तक सरकारी खर्चे पर कर दिया / यह भारत किसी विशेष खानदान की विरासत नही है या किसी एक विशेष परिवार की जागीर नही है/ देश वंशवाद से कभी तरक्की नही कर सकता उसके लिये निरंतर कुर्बानी देनी पड़ती है ,डाकटर का बेटा डाक्टर बनता है मेडिकल की पढ़ाई के बाद ,वकील का बेटा वकील बनता है कानून की पढ़ाई के बाद, इंजिनियर का बेटा भी इंजिनियर बनता है इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद,इसी प्रकार आईऐएस का बेटा भी आईऐएस बनेगा सिविल परीक्षा पास करने के बाद परन्तु मिस्त्री का बेटा बिना पढ़े लिखे भी मिस्त्री बनता जरुर है लेकिन काम की बारीकी जांचने के बाद/ परन्तु नेता का बेटा नेता बनता है लूट खसोट की शिक्षा लेने के बाद/ परन्तु यहाँ जो आज भ्रष्टाचार का विरोद कर रहे हैं, उनकी मंशा ! कुछ भी हो परन्तु परिणाम तो जन समुदाय के हित का होगा / व्यग्तिगत प्रचार के उद्देश्य मात्र से स्वतंत्रतता दिवस के समारोह में प्रतिबंधित या क्रिकेट बोर्ड से निष्काषित खिलाड़ी या फ़िल्मी कलाकार के साथ तो सड़क पर दौड़ लगाने को तैयार हैं जिससे मीडिया में फोटो आ जाय परन्तु जहाँ देश को इस समय जरुरत है कि लोग आगे आवें ताकि भ्रष्टाचार से देश मुक्त हो सके तो कभी अन्ना या कभी बाबा राम देव या तो कभी आरएसएस या तो कभी बीजेपी आदि पर टिप्पणी करके भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को पस्त करके भ्रष्टाचार समर्थक केन्द्रीय या राज्य सरकार को मजबूत करने में लगे हैं/ लोगों को भ्रम रहता है कि अमुक नेता इस पार्टी का है,नेता कभी किसी पार्टी का नही है या तो अवसर परस्त है आज बीजेपी में है,अगर टिकेट नही मिला तो कल कांग्रेस में हो जायेगा ,वहाँ दाल नही गली तो कल किसी अन्य राजनेतिक दल का दामन थाम लेगा / इसलिए नेताओं की बातों को प्राथमिकता न जाकर लोगों को देश की सुरक्षा की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिये और भ्रष्टाचार का सामना करने के लिये दृढ़ संकल्प करके एक जुट होना चाहिये/ आत्मनिर्भर बनने के लिये कुछ तो कष्ट सहना ही पड़ेगा इसलिए अपने अंतःकरण की सुनिए और सोचिये कि क्या आप भारत को भ्रष्टाचार मुक्त देखना नही चाहते / यदि चाहते हैं तो आपने कितना सकारत्मक सहयोग दिया है / सार्थक सोच ही सफलता दिलवाएगी /
रचना रस्तोगी

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