- 178 Posts
- 240 Comments
मेरठ में दो नेताओं की तथाकथित आपसी मौखिक खीचतान में धर्मग्रंथों को खुले आम अपमानित किया जा रहा /ये ग्रन्थ ऐसे प्रस्तुत किये जा रहे हैं जैसे कोई उपन्यास हों/ अगर कमेले चलाने वाला ईमानदार नही है तो नगरनिगम का रहनुमा ही कौन सा ईमानदार है ?अगर कमेले में रोजाना बेजुबान दुधारू पशुओं की निर्मम हत्या होती है तो नगरनिगम में ही कौन से जिन्दे मनुष्य बक्श दिए जाते हैं/ मेरठ की जनता के लिये तो नगरनिगम भी किसी कमेले से कम नही/ शायद ही कोई ऐसा भाग्यशाली जिन्दा मनुष्य हो जो नगरपालिका या नगरनिगम से बिना रिश्वत दिए अपना काम करवाकर ले आये / अगर ऐसा कोई व्यक्ति मेरठ में हो जिसने नगरनिगम से अपना काम बिना रिश्वत दिए करवा लिया हो तो उसका नाम गिनीज़ बुक में दर्ज कराना चाहिये /सब काम में रिश्वत देनी पड़ती है कई जिम्मेदार समाचार पत्र अक्सर यह आवाज उठाते चले आये हैं मजाल है कि किसी अधिकारी या नेता के कान में जूं रेंकी हो/ नगरनिगम के किसी भी कर्मचारी से रिश्वत का कारण पूछलो , सब के सब यही उत्तर देते हैं कि इस रिश्वत का हिस्सा ऊपर तक जाता है , अब सबसे बड़ा प्रश्न यही उठ खड़ा हुआ कि आखिर यह ऊपर वाला कौन है? चपरासी से लेकर उच्च पद तक यह सीढ़ी जाती है , लेकिन यह बात तो निश्चित है कि यह ऊपरवाला कोई खुदा या ईश्वर नही है तो फिर यह है कौन? इसका पता सबको है कि ऊपरवाला कौन है ? इसलिए इन नेताओं को कम से कम, हमारे पवित्र धर्म ग्रंथों का तो मजाक नही उडाना चाहिये क्योंकि ये आस्था और निष्ठा के प्रतीक हैं,भ्रष्ट नेताओं के पहरेदार नही/ एक खुदा की वाणी है तो दूसरा भगवान् श्रीकृष्ण की वाणी/ इनपर अमलकर अपना जीवन साफ़ सुथरा बनाने के बजाय नेतागण इनको अपने भ्रष्टाचार की ढ़ाल बना रहे हैं/ इन ग्रंथों को हवा में लहराकर दिखाने या हाथ में पकड़ लेने मात्र से व्यक्ति सच्चा नही हो जाता ऐसे तो रोजाना ही न्यायालय में लोग इन्ही धर्म ग्रंथों पर हाथ रखकर झूठी शपथ खाते हैं और बाद में सजा भी पाते हैं/ जो भी खादी पहनने वाला इस समय बाजार में नेतागर्दी करता दिखता है उसकी ईमानदारी पर लोग शक तो निश्चित करते ही हैं, क्योंकि ऊंची महत्वाकान्षा उसको भ्रष्ट बना ही देती है,आखिर वह नेता बनना ही इसलिए चाहता है कि राजनीति में इस समय पैसा खूब है/अतः जनता को इन नेताओं से अपील करनी चाहिये कि कुछ भी करो,जितना लूट सको लूटो,परन्तु धर्म ग्रंथों को बस बक्श दो/
रचना रस्तोगी
Read Comments