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क्या आप वास्तव में आजाद हैं?

bharat
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समस्या यह है की इस लूट खसोट को करने किसने दिया?एक गुंडा मवाली एक छोटे से इलाके में गुंडागर्दी करके अवैध रूप से अपना कारोबार चलाता है/अब उसी गुंडे मवाली अपराधी को देश की सभी राजनेतिक पार्टियाँ अपने अपने सिम्बल पर संसद या विधान सभा भेजने पर आमादा हैं,तो उस गुंडे मवाली से आप क्या उम्मीद करेंगे?क्योंकि उस अपराधी को बड़ा क्षेत्र मिल गया है इसलिए उसका व्यापार भी व्यापक होगा/ विधायक है तो अपने सारे क्षेत्र में करेगा,सांसद है तो क्षेत्र और बढ़ गया मंत्री बनते आकार और बढ़ा और यदि केंद्र में मंत्री बना तो पूरा देश ही उसका क्षेत्र हो गया / सबसे बड़े दुःख की बात की जानते बूझते हुए भी उस अपराधी को विधायक या सांसद बनाने को न्योता दिया किसने? और जब वह अपराधी सांसद विधयक बन गया तो सार्वजनिक मंच पर संविधान का प्रहरी राष्ट्रपति या राज्यपाल महोदय एवं मूख्यन्यायाधीश की मुख्यता में सरे आम मीडिया के सामने भारत के संविधान की रक्षा करने तथा पद की मर्यादा एवं गोपनीयता बनाए रखने की शपथ खाता है/ चूंकि उसको तो खाने की आदत पड़ी हुई है वह शपथ को भी एक व्यंजन समझ कर खाता है और बाद में घूस को एक सामान्य वस्तु/ उसको पता ही नही की उसने शपथ खायी किसकी है कौर क्यों खायी है?यही हाल इस यु पी ऐ सरकार का भी है / प्रधान मंत्री ने राज्य सभा में अपना नामांकन कहाँ से करवाया जहाँ वे एक किराए के मकान में रहते दिखाए जाते हैं,परन्तु विधान सभा के मतदान में अपना मत डालने नही जाते हैं क्यों ?क्योंकि वह तो मात्र दिखने के नाम पर है जबकि रहते तो वे दिल्ली में हैं/ मेरे विचार से पिछले पचास साल से प्रधान मंत्री दिल्ली में ही रहते आये हैं परन्तु स्वार्थ लाभ के लिए आसाम पहुँच गए? क्या यह भी एक भ्रष्टाचार नही है क्यों झूठ बोलते हैं प्रधानमंत्रीजी,फिर भी वे ईमानदार हैं?यही हाल सबका है / नेशनल इलेक्शन वाच ने बताया की टीएम् सी के पैंतीस प्रतिशत विधायक अपराधी है और उनको शपथ किसने खिलाई ?राज्यपाल ने वह भी प्रदेश के मूख्य न्यायाधीश और पुलिस आला अधिकारियों के समक्ष/ थोमस ने अपने शपथनामे में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में कहा की एक तिहाई सांसद अपराधी है तो बजाय उसकी बात को प्रमुखता देते हुए इस बात को सभी राजनेतिक दलों ने नजरअंदाज कर दिया/ इसलिए बात दो साल या एक साल के कार्य समीक्षा का नही बल्कि उनकी निष्ठा और कर्त्तव्य परायणता का है/ जब चोरों को ही थानेदार बना दिया जाएगा तो अपराध रुकेंगे कैसे? सरकार कहती है की प्रधानमंत्री सांसद मंत्री और उच्च अधिकारी लोक पाल बिल के दायरे में नही आयेंगे तो क्या चपरासी और क्लर्क आयेंगे? क्या कोई भी साधारण व्यक्ति स्विस बैंकों में अपना खाता खुलवा सकता है ?जबकि वह तो देश के ही बैंकों में जाने से डरता है / बात इस सरकार की कार्यप्रणाली की समीक्षा पर ध्यान देने की है ही नही./ देश के लोग टैक्स देते देते मरगये परन्तु मंत्रियों और नेताओं ने उस टैक्स से अर्जित धन को अपनी ही जागीर समझ लिया/ वंशवाद यहाँ तक है की एक बार कोई नेता मंत्री बन गया बस उसकी आने वाली सात पुश्तें भी नेता बन गयीं ? डाक्टर का बेटा डाक्टर बनता है तो डाक्टरी की पढ़ाई के बाद.इसी प्रकार वकील का बेटा वकील बनता है तो कानून की पढ़ाई के बाद ,परन्तु नेता का बेटा नेता बनता देश को लूटने के बाद?वंशवाद से नेता बनाना है तो उसको पहले ट्रेनिंग भी तो दो? यहाँ तो अपने बच्चों को नेता इसलिए बनाया जाता है जिससे संपत्ति की रक्षा हो सके/ इसलिए जब तक मतदाता जागरूक नही होगा तब तक इसी प्रकार की कार्य समीक्षा आती रहेंगी जिनको प्रकाशित करने और विज्ञापन से अखबारों और चेनलों की आय होती रहेगी / जनता पहले मुग़लों की गुलाम थी उसके बाद अंग्रेजों की हुई और अब इस भ्रष्ट लोक तंत्र की है/ जनता आजाद ही कब हुई? क्या आप वास्तव में आजाद हैं? सोचिये? तब तक सबको जय भारत !!!
रचना रस्तोगी

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