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स्पीक एशिया और भारत का पैसा ?

bharat
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जब तक आप श्री मन मोहन सिंह जी का अमेरिका से क्या सम्बन्ध है ?तब तक आप भारत की निरंतर बढ़ती आर्थिक दुर्दशा की सच्चाई नही जन सकते/ क्यों भारत में निरंतर घोटाले पे घोटाले हो रहे हैं ?क्यों भारत में हर्षद मेहता काण्ड हुआ ?क्यों मन मोहन सिंह जी वर्ल्ड बैंक में पहुंचे और किसने उनको पहुंचाया और आखिर क्यों ?क्यों मन मोहन सिंह जी का जबकि वे तो एक अध्यापक मात्र थे, कांग्रेस से उनका जुड़ाव हुआ ?क्यों मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक के गवर्नर हुए ?क्यों नरसिम्हा राव की सरकार में मन मोहन सिंह वित्त मंत्री हुए?क्यों शेयर घोटाले के बाद भी लोगों का पैसा वापिस नही हुआ और आखिर वह पैसा गया कहाँ ?क्यों मन मोहन सिंह जी भारत के प्रधान मंत्री बने ?आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि निरंतर खुलते घोटालों के कारण कोई भी राष्ट्रीय नेता उनका त्यागपत्र नही मांगता है यहाँ तक कि अपनी किरकिरी कराने वाली कांग्रेस पार्टी तक उनको ढ़ोए हुए है/ और सबसे बड़ी बात कि मन मोहन सिंह जी ने अभी तक कोई भी लोक सभा का चुनाव नही जीता ?एक बार लड़े थे उसमे वे हार गये थे/ जिस जगह से वे राज्य सभा के सदस्य भी हैं वहां भी वे किराए के ही मकान में रहते दिखाए जाते हैं ?इसलिए अगर भारत में आर्थिक अपराधों की जड़ तक पहुंचना है,तो नेताओं के अमेरिका से सम्बन्ध जानने बहुत जरुरी है ?आखिर यह पैसा जा कहाँ रहा है?और सबसे बड़ी बात जब भारत की संसद पर आतंकी हमला हुआ था तब तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने बयान दिया था कि इस घटना के बारे में उन्होंने अमरीका को बता दिया है/ तो इस तथ्य पर अवश्य शोध होना चाहिये कि आखिर भारत के नेता किसके इशारे पर काम करते हैं और विकिलीक्स ने भी इस पर अपनी टिप्पणी की हुई है/ यही हाल इस स्पीक एशिया का भी है क्योंकि इसका रजिस्ट्रेशन भी अमरीका में ही हुआ हुआ है/ अतः इस नए वित्तीय अपराध का कारण भी समझ में आ गया होगा /बस अमरीका ने कह दिया मन मोहन सिंह ईमानदार हैं तो मीडिया ने भी ईमानदारी का प्रमाणपत्र देदिया जबकि सब घोटालों की सूत्रधार यही हैं क्योंकि इन्हिकी राज में ये सब हो रहा है और क्या यह संभव है कि देश की केन्द्रीय नेता देश को खोखला करने में तन्मयता से लगे हों और प्रधानमन्त्री को हवा तक नही हो ?भारत की जनता को जान बूझ कर अन्धकार में रखा जा रहा है,लोग पाकिस्तान का हश्र देख चुके हैं फिर भी चुप हैं?कमाल है !!!
रचना रस्तोगी

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