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जैसे ही भारत में त्योहारों का समय होता है या फिर किसी बड़े खेल का आयोजन होना होता है/ तभी भारत को विदेशी सुरक्षा एजेंसियां भारत में आतंकी हमलों की भविष्यवाणी कर देती हैं / और भारत को किसी भी बड़े हमले के प्रति आघा कर देती हैं / यहाँ तक कि आतंकियों की संख्यां और उनके रहने के स्थान तक का पता बतादेती हैं/ जिनके फल स्वरुप भारत की सुरक्षा एजेंसियां भारत में रेड अलर्ट या ग्रीन अलर्ट या हाई अलर्ट घोषित कर देती हैं/ यदि आतंकी हमला हो गया तो तुरंत केंद्र सरकार कह देती है कि हमने तो पहले ही आघा कर दिया था यह तो राज्य सरकार की चूक हुई है इसलिए राज्यसरकार दोषी है और यदि किसी कारणवश आतंकी हमला नहीं हुआ तो अपनी वाहवाही कर देती है/ परन्तु ये रेड अलर्ट या हाई अलर्ट या ग्रीन अलर्ट आज तक किसी भारतवासी ने देखा भी है कहीं ?कितने बड़े शर्म की बात है कि जिन सुरक्षा एजेंसियों के वेतन और भत्तों पर सरकार बेशुमार धन दौलत बरसाती है,उनको भी विदेशी एजेंसियों की सूचना पर निर्भर होना पड़ता है/ और सबसे गंभीर बात यह है कि यह हाई अलर्ट या रेड अलर्ट आखिर है किसके लिए,जनता के लिए या फिर सरकारी महकमे के लिए?
रचना रस्तोगी
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